बगलामुखी मंत्र, बगलामुखी मंत्र के नुकसान,(Bagalamukhi)

Last updated on January 17th, 2024 at 01:04 pm

मां बगलामुखी: शक्ति, आराधना और आशीर्वाद, बगलामुखी मंत्र, बगलामुखी मंत्र के नुकसान,(Bagalamukhi), बगलामुखी पूजा के फायदे, पढ़िए पूरी जानकारी एक ही जगह पर

मां बगलामुखी, जिन्हें बगला माता भी कहा जाता है, भारतीय देवी और तंत्र मंत्र धारण के माध्यम से शक्ति की प्रतिष्ठा का प्रतीक मानी जाती है। वह शक्ति है जो भक्तों को शत्रुओं और आपत्तियों से बचाने में मदद करती है, और उन्हें सफलता और सुख का मार्ग दिखाती है। इस लेख में, हम मां बगलामुखी की महत्वपूर्ण जानकारी, आराधना विधियां, और उनके मंदिरों के बारे में चर्चा करेंगे।

मां बगलामुखी के रूप और गुण

बगलामुखी देवी कौन हैं?

मां बगलामुखी को विशेष रूप में दिखाया जाता है, जिसमें वह काला वस्त्र पहनती है और वाम हाथ में एक विशेष यन्त्र को धारण करती हैं। वह वीरुप हैं और उनकी आँखें कठोरता से दिखती हैं, जिससे वे शत्रुओं को नष्ट कर सकती हैं। मां बगलामुखी की शक्तियों में शत्रु नाशक गुण होते हैं, जो उन्हें उनके भक्तों की सुरक्षा करने में मदद करते हैं।

बगलामुखी, जिन्हें बगला भी कहा जाता है (संस्कृत: बगलामुखी), हिंदू धर्म में दस तांत्रिक देवियों में से एक प्रमुख देवी हैं। उन्हें महाविद्याओं का अवतार माना जाता है, जो महान ज्ञान और बुद्धि की देवियां हैं, जो स्त्री रूप लेती हैं। ‘बगला’ नाम संस्कृत शब्द ‘वलगा’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘ब्रिडल’ या ‘लगाम’, और बाद में ‘वगला’ और फिर ‘बगला’ में विकसित हुआ। भक्तों का मानना ​​है कि देवी बगलामुखी में भ्रांतियों और भ्रम को दूर करने की शक्ति है, जिन्हें अक्सर शत्रुओं (या अपने भक्तों के शत्रुओं) के रूप में प्रतीकित किया जाता है।

देवी बगलामुखी के 108 अलग-अलग नाम हैं (कुछ लोग उन्हें 1108 नामों से भी संबोधित करते हैं)। वह पीले या सुनहरे रंग से जुड़ी हैं। उन्हें अक्सर विभिन्न रत्नों से सजे सुनहरे सिंहासन पर बैठी और तीन आंखों से दर्शाया जाता है, जो उनके सर्वोच्च ज्ञान को प्रदान करने की क्षमता का प्रतीक है।

बगलामुखी के दस रूपों में, वह एक शक्तिशाली महिला का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो आदिम स्त्री ऊर्जा का प्रतीक है।

बगलामुखी या बगला देवी को समर्पित मुख्य मंदिर हैं: तेलंगाना में शिवमपेट में बगलामुखी देवी मंदिर; मध्य प्रदेश के दतिया में बगलामुखी मंदिर; उत्तराखंड के घुट्टू में बुगिलाधारा; असम के गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर; नेपाल के ललितपुर में बगलामुखी मंदिर; और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बगंडी।

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माँ बगलामुखी का प्रमुख मंदिर

स्थान: आगर मालवा, मध्य प्रदेश.

मंदिर की स्थापना: द्वापर युग में युधिष्ठिर द्वारा

मंदिर की संरचना: लाल पत्थरों से बना, गर्भगृह में तीन मुखों वाली बगलामुखी देवी की मूर्ति

मंदिर की मान्यताएं: ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी, शत्रुओं को परास्त करने और दुखों को दूर करने वाली

मंदिर के आसपास: माता लक्ष्मी मंदिर, हनुमान मंदिर, भैरव मंदिर और सरस्वती मंदिर

पहुंच: इंदौर से 150 किलोमीटर, उज्जैन से 90 किलोमीटर

दर्शन का समय: सुबह 5:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक

दर्शन के लिए नियम: साफ-सुथरे कपड़े, पैर धोना, प्रसाद चढ़ाना

विशेष: स्वयंभू प्रतिमा

माँ बगलामुखी मंदिर मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में नलखेड़ा कस्बे में स्थित है। यह मंदिर तीन मुखों वाली बगलामुखी देवी को समर्पित है। मंदिर की स्थापना द्वापर युग में युधिष्ठिर ने की थी। मंदिर का निर्माण लाल पत्थरों से किया गया है और गर्भगृह में देवी की मूर्ति स्थापित है। देवी की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है।

बगलामुखी देवी को ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी माना जाता है। वे शत्रुओं को परास्त करने और दुखों को दूर करने वाली देवी हैं। मंदिर में आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर के आसपास कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल भी हैं।

मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे अच्छा तरीका सड़क मार्ग है। नलखेड़ा शहर इंदौर से लगभग 150 किलोमीटर और उज्जैन से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। मंदिर सुबह 5:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों को साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए और मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने पैर धोने चाहिए। दर्शन के बाद भक्तों को प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

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 मां बगलामुखी की आराधना

मां बगलामुखी की आराधना भक्तों के लिए शांति, सुख, और सफलता का माध्यम होती है। उनकी आराधना के लिए कई मंत्र और पूजा विधियां हैं, जिन्हें भक्त अपने जीवन में अपना साथी बनाते हैं।

बगलामुखी मंत्र: Baglamukhi Mantras:

– ॐ ह्लीं बगलामुखी मंत्र

– ॐ ह्रीं क्लीं बगलामुखी फट

बगलामुखी मंत्र विशेष रूप से उनके श्रद्धालुओं के बीच महत्वपूर्ण हैं। इन मंत्रों का जाप करने से विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान होता है और आपकी जीवन में सफलता मिलती है। बगलामुखी मंत्रों में “ॐ ह्लीं बगलामुखी मंत्र” और “ॐ ह्रीं क्लीं बगलामुखी फट” शामिल हैं। इन मंत्रों को नियमित रूप से जाप करने से शक्ति की वर्दन होती है और आपके जीवन में समस्त बुराई का नाश होता है। ये मंत्र उनकी आराधना के महत्वपूर्ण हिस्से हैं और उन्हें जापने से भक्त उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

मां बगलामुखी के मंदिर

बगलामुखी

मां बगलामुखी के कई मंदिर भारत में हैं, जो उनकी भक्तों के लिए पवित्र स्थल के रूप में जाने जाते हैं। कुछ प्रमुख मंदिर निम्नलिखित हैं:

कंगड़ा, हिमाचल प्रदेश: कंगड़ा में स्थित बगलामुखी मंदिर एक प्रमुख आराधना स्थल है और यहां भक्त आकर्षित होते हैं।

नालखेड़ा, मध्य प्रदेश: नालखेड़ा के बगलामुखी माता मंदिर भी भक्तों के लिए प्रसिद्ध है और यहां विशेष पूजा आयोजित होती है।

उज्जैन, मध्य प्रदेश: यहां पर्वों के अवसर पर भगवती बगलामुखी का विशेष पूजा किया जाता है, और इसके लिए विशेष पूजा आयोजित होती है।

ज्वालाजी, हिमाचल प्रदेश: यहां पर बगलामुखी मंदिर ज्वालाजी के प्रमुख मंदिर के पास है और यहां के भक्त उनकी आराधना करते हैं।

मां बगलामुखी की कथा

मां बगलामुखी की कथा हमें उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और उनके आराध्यता की जानकारी देती है। वे माँ पीतांबर बगलामुखी कहलाती हैं, और उनके देवी भैरव से संबंधित हैं।

मां बगलामुखी के मंत्र और उपासना के फायदे

मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप और उनकी उपासना कई फायदे प्रदान करते हैं। यह मंत्र भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखने में मदद करते हैं और उनके जीवन में सुख और सफलता लाते हैं।

बगलामुखी देवी की पूजा विभिन्न कारणों से की जाती है, जिनमें शामिल हैं:

ज्ञान और बुद्धि प्राप्त करना

शत्रुओं और बाधाओं को दूर करना

कानूनी लड़ाई में जीत हासिल करना

नकारात्मक ऊर्जाओं और प्रभावों से खुद को बचाना

शाप और टोने को दूर करना

सफलता और समृद्धि को आकर्षित करना

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बगलामुखी

बगलामुखी के टोटके

बगलामुखी के टोटके भी उनकी उपासना का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। ये छोटे उपाय होते हैं जो भक्तों को आपत्तियों से बचाने में मदद करते हैं और उनके जीवन को संशांति से भर देते हैं।

बगलामुखी की पूजा के फायदे

मां बगलामुखी की पूजा करने से भक्तों को कई फायदे मिलते हैं, जैसे कि शत्रु नाश, सुख, संशांति, और सफलता। वे अपने भक्तों को समस्त प्रकार की आपत्तियों से बचाने में समर्थ होती हैं और उनके जीवन को सुखमय बनाती हैं।

बगलामुखी देवी को अक्सर तीन सिर और चार भुजाओं के साथ चित्रित किया जाता है। उनके तीन सिर तीनों लोकों: भौतिक, सूक्ष्म और कारण पर उनकी महारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके चार हाथ चारों दिशाओं पर उनकी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें अक्सर एक पीले शेर पर सवार के रूप में भी दर्शाया जाता है, जो उनकी शक्ति और प्रचंडता का प्रतीक है।

बगलामुखी देवी की पूजा करने का सबसे अच्छा समय मंगलवार है। उनकी पूजा घर पर या मंदिर में की जा सकती है। बगलामुखी देवी की पूजा करने के लिए, आपको आवश्यकता होगी:

बगलामुखी मंत्र के नुकसान

हाल में, बगलामुखी मंत्र के नुकसान के बारे में जानकारी है कि इन्हें सावधानी से उपयोग करना चाहिए। यह मंत्र बिना गुरु के मार्गदर्शन के उपयोग करने पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकते हैं। इसलिए, इन मंत्रों का उपयोग विशेषज्ञ के सुझाव के बाद ही करना चाहिए।

बगलामुखी वशीकरण मंत्र

बगलामुखी के वशीकरण मंत्र भी भक्तों के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये मंत्र दूसरे व्यक्तियों को अपने वश में करने में मदद करते हैं और उनके बने रहने की गारंटी देते हैं।

 बगलामुखी कवच

बगलामुखी कवच भी उनकी आराधना का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह कवच भक्तों को आपत्तियों से बचाने में मदद करता है और उनके जीवन को सुखमय बनाता है।

मां बगलामुखी मंत्र और उपासना के लाभ

मां बगलामुखी के मंत्र और उपासना के अनेक लाभ हैं, जैसे कि शत्रु नाश, सुख, सफलता, और संशांति। वे अपने भक्तों को सभी प्रकार की आपत्तियों से बचाने में सक्षम होती हैं और उनके जीवन को खुशियों से भर देती हैं।

मां बगलामुखी मंत्र और पूजा के नियम

मां बगलामुखी की मंत्र और पूजा का नियमित अभ्यास करने से भक्त उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। मंत्र का जाप और पूजा का आयोजन नियमित रूप से किया जाना चाहिए, और इसके लिए गुरु के मार्गदर्शन भी आवश्यक होता है।

धन प्राप्ति के लिए बगलामुखी मंत्र

धन की प्राप्ति के लिए भी मां बगलामुखी के मंत्र का जाप किया जा सकता है। इससे व्यक्ति के वित्तिय स्थिति में सुधार हो सकता है और उसके लिए नई संभावनाएं खुल सकती हैं। बगलामुखी मंत्र “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” का जाप करके व्यक्ति अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।

मां बगलामुखी की कृपा प्राप्ति

बगलामुखी माता की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों को निःसंकोच श्रद्धा और आस्था के साथ उनकी आराधना करनी चाहिए। यह आवश्यक है कि वे इसे नियमित रूप से करें और सच्चे मन से भगवती की आराधना करें।

बगलामुखी हवन

बगलामुखी हवन

बगलामुखी हवन एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो देवी बगलामुखी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। बगलामुखी देवी ज्ञान, बुद्धि और विजय की देवी हैं। उनका हवन करने से शत्रुओं पर विजय, कानूनी मामलों में सफलता, बाधाओं को दूर करना और सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करना आसान हो जाता है।

बगलामुखी हवन करने के लिए, आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

बगलामुखी देवी की प्रतिमा या छवि

पीले फूल, फल और मिठाई

पीली धूप और मोमबत्तियां

हवन सामग्री जैसे कि हवन कुंड, लकड़ी, घी, तिल, गुड़ आदि।

बगलामुखी हवन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

एक स्वच्छ और शांत स्थान पर हवन कुंड स्थापित करें।

हवन कुंड में लकड़ी और घी डालें।

बगलामुखी देवी की प्रतिमा या छवि को हवन कुंड के सामने रखें।

पीले फूल, फल और मिठाई अर्पित करें।

धूप और मोमबत्तियां जलाएं।

हवन सामग्री को हवन कुंड में डालें और मंत्र का जाप करें:

ॐ ह्रीं बगलामुखियै नमः

मंत्र का जप करते हुए, हवन सामग्री को हवन कुंड में डालते रहें।

हवन पूरा होने के बाद, बगलामुखी देवी को प्रणाम करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

बगलामुखी हवन करने का सबसे अच्छा समय मंगलवार है। हालांकि, आप इसे किसी भी शुभ दिन पर कर सकते हैं। बगलामुखी हवन करने से पहले, यह महत्वपूर्ण है कि आप स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और शराब और मांस से परहेज करना चाहिए।

बगलामुखी हवन एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो आपको देवी बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त करने और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

समापन

मां बगलामुखी एक शक्तीशाली देवी हैं। 

बगलामुखी मंत्र “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” का जाप करके व्यक्ति अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।

शक्तीशाली देवी हैं और उनकी आराधना से भक्तों को शक्ति, सुख, सफलता और संशांति प्राप्त होती है। उनकी महत्वपूर्ण कथाएँ, मंत्र, और उपासना के नियम इस उद्घाटन में प्रमुख रूप से चर्चित हुए हैं। भक्त चाहे तो इन्हें अपने जीवन में अपना सकते हैं और मां बगलामुखी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

हमें गर्व है कि हमने आपको मां बगलामुखी के मंत्र, उपासना, और उनके मंदिरों के बारे में जानकारी दी, और हम आपको इस धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव का आनंद लेने की सलाह देते हैं। मां बगलामुखी की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहे और आपके जीवन को सुखमय और सफल बनाए।

इस प्रार्थना के साथ हम आपको शुभकामनाएं भेजते हैं कि मां बगलामुखी आपके जीवन में खुशियों और सफलता लेकर आएं।

आपके भविष्य के लिए शुभकामनाएं!

Frequently Asked Questions About बगलामुखी देवी

[saswp_tiny_multiple_faq headline-0=”h2″ question-0=”1. बगलामुखी देवी कौन हैं?” answer-0=”बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में से एक हैं, जो हिंदू धर्म में दस तांत्रिक देवियां हैं। उन्हें सर्वोच्च ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है, और भ्रम दूर करने, शत्रुओं पर विजय पाने और विजय प्राप्त करने की उनकी शक्ति के लिए पूजा की जाती है।” image-0=”1460″ headline-1=”h3″ question-1=”2. बगलामुखी देवी का क्या महत्व है?” answer-1=”भक्त विभिन्न कारणों से बगलामुखी देवी की पूजा करते हैं, जिनमें शामिल हैं: ज्ञान और बुद्धि प्राप्त करना शत्रुओं और बाधाओं को दूर करना कानूनी लड़ाई में जीत हासिल करना नकारात्मक ऊर्जाओं और प्रभावों से खुद को बचाना शाप और टोने को दूर करना सफलता और समृद्धि को आकर्षित करना” image-1=”” headline-2=”h3″ question-2=”3. बगलामुखी देवी का प्रतीकवाद क्या है?” answer-2=”बगलामुखी देवी को अक्सर तीन सिर और चार भुजाओं के साथ चित्रित किया जाता है। उनके तीन सिर तीनों लोकों: भौतिक, सूक्ष्म और कारण पर उनकी महारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके चार हाथ चारों दिशाओं पर उनकी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें अक्सर एक पीले शेर पर सवार के रूप में भी दर्शाया जाता है, जो उनकी शक्ति और प्रचंडता का प्रतीक है।” image-2=”” headline-3=”h3″ question-3=”4. बगलामुखी देवी की पूजा कैसे करें?” answer-3=”बगलामुखी देवी की पूजा करने का सबसे अच्छा समय मंगलवार है। उनकी पूजा घर पर या मंदिर में की जा सकती है। बगलामुखी देवी की पूजा करने के लिए, आपको आवश्यकता होगी: बगलामुखी देवी की प्रतिमा या छवि पीले फूल, फल और मिठाई पीली धूप और मोमबत्तियां स्नान करके और साफ कपड़े पहनकर शुरू करें। फिर, बगलामुखी देवी की प्रतिमा या छवि को एक साफ वेदी पर रखें। उन्हें पीले फूल, फल और मिठाई अर्पित करें। धूप और मोमबत्तियां जलाएं, और बगलामुखी देवी मंत्र का जाप करें: ॐ ह्रीं बगलामुखियै नमः आप इस मंत्र का जितना चाहें उतना जाप कर सकते हैं। मंत्र का जाप करने के बाद, बगलामुखी देवी पर ध्यान करें और उन्हें आपको अपने ज्ञान, बुद्धि और शक्ति का आशीर्वाद देते हुए देखें।” image-3=”” headline-4=”h3″ question-4=”5. बगलामुखी देवी मंत्र क्या है?” answer-4=”बगलामुखी देवी मंत्र इस प्रकार है: ॐ ह्रीं बगलामुखियै नमः इस मंत्र का जाप बगलामुखी देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने और उनका मार्गदर्शन और संरक्षण प्राप्त करने के लिए किया जाता है।” image-4=”” headline-5=”h3″ question-5=”6. बगलामुखी देवी की पूजा करने के क्या लाभ हैं?” answer-5=”बगलामुखी देवी की पूजा के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं: ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि कानूनी लड़ाई में सफलता नकारात्मक ऊर्जाओं और प्रभावों से सुरक्षा शाप और टोने को दूर करना जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि ” image-5=”” headline-6=”h3″ question-6=”7. बगलामुखी देवी के विभिन्न रूप कौन से हैं?” answer-6=”बगलामुखी देवी के दस अलग-अलग रूप हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट शक्तियां और गुण हैं। बगलामुखी देवी के दस रूप हैं: पीतांबरा देवी ब्रह्मास्त्र रूपिणी मातंगी देवी कमला मुखी देवी बगलामुखी देवी तारा देवी षोडशी देवी भुवनेश्वरी देवी छिन्नमस्ता देवी धुमावती” image-6=”” count=”7″ html=”true”] 

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